यूक्रेन पर रूस के हमलों को लेकर दुनिया के कई देश उससे खासे नाराज हैं. इस बीच कई देशों ने विरोध करते हुए रूस पर कडे प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. लेकिन इन सबको नजरअंदाज करते हुए रूस अपने रूख पर कायम है और यूक्रेन के कई शहरों पर ताबड़तोड़ हमलों को अंजाम दे रहा है. इस बीच, पेरिस स्थित ग्रीविन म्यूजियम ने रूस के यूक्रेन पर हमले के विरोध में मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मोम के पुतले (wax statue of Putin) को हटा दिया.
फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित गेविन म्यूजियम ने भी पुतिन की तुलना हिटलर से की है। म्यूजियम के निदेशक ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते उन्होंने यह फैसला किया है। गेविन म्यूजियम के डायरेक्टर ने कहा, ‘हमने गेविन म्यूजियम में कभी भी हिटलर जैसे तानाशाहों को नहीं रखा, आज हम पुतिन (wax statue of Putin) को नहीं रखना चाहते।’
यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनिया की नजरों में खलनायक बन गए हैं। अमेरिका, यूरोप में पुतिन के खिलाफ रोज प्रदर्शन चल रहे हैं। कुछ पोस्टर्स में पुतिन को ’21वीं सदी का हिटलर’ बताया गया। वहीं इस युद्ध को लेकर पुतिन को घर में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जंग के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले स्कूली बच्चों को भी रूसी पुलिस ने कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया है।
ओवीडी इंफो की रिपोर्ट के अनुसार रूस के 50 शहरों में युद्ध विरोधी प्रदर्शनों के आरोप में 7000 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। इनमें कई बच्चे भी हैं। इन्हें उग्रवाद व देशद्रोह के आरोप में जेल भेजा जा सकता है। रूस में सरकार या जंग विरोधी प्रदर्शन करने पर देशद्रोह की धाराओं में केस दर्ज करने का प्रावधान है।
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