काबुल (Kabul) ब्लास्ट में बिखर गईं जिंदगियां, एयरपोर्ट बना खून का दरिया
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार शाम को दो आत्मघाती हमले हुए। इसमें 100 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि 1300 से ज्यादा लोग घायल हुए। हमलों ने काबुल (Kabul) को दहला दिया।
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काबुल (Kabul) एयरपोर्ट के बाहर धमाके हुए और हवा में धूल का गुबार उठा। जब तक धुआं कम हुआ। कई लोगों की जिंदगी तबाह हो चुकी थी। हर तरफ खून फैला हुआ था। लोग बदहवास होकर अपने घायल परिजनों को अस्पताल लेकर भाग रहे थे।
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तालिबान के क्रूर शासन से अपनी और अपने परिवार की जिंदगियां बचाने के लिए दूसरे देशों में शरणार्थी बनने को तैयार लोग पिछले कई दिनों से काबुल (Kabul) एयरपोर्ट पर रह रहे थे। इन लोगों को इंतजार था कि कोई देश इन्हें अपने यहां शरण दे देगा। इनकी जिंदगी बर्बाद होने से बच जाएगी। लेकिन कितने ही लोगों का यह इंतजार पूरा नहीं हो पाया।
काबुल (Kabul) एयरपोर्ट के हमले की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। लेकिन इन तस्वीरों को दिखाने का मकसद केवल यह बताना है कि अफगानिस्तान में दर्द और खौफ की दास्तान हकीकत है फसाना नहीं।
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अफगानिस्तान में फिदायीन हमलों से ज्यादा लोगों में तालिबान का खौफ है। दरअसल गुरुवार शाम 6 बजे हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद काबुल (Kabul) एयरपोर्ट से लगे नाले में लाशें बिछी थीं। घायल इलाज के लिए पानी में पड़े तड़प रहे थे। लेकिन आज उसी नाले की तस्वीर कुछ और थी। यहां लोगों का फिर से हुजूम उमड़ा हुआ है।
लोग तालिबान से इतने ज्यादा खौफजदा हैं कि वे किसी भी हाल में देश छोड़ना चाहते हैं। उन्हें न ब्लास्ट की फिक्र है और न ही अपने जान की। लोग शुक्रवार को भी हजारों की संख्या में नाले के ऊपर और नाले के अंदर खड़े होकर किसी भी तरह अपना डॉक्यूमेंट वैरिफाई करवाने में लगे हुए हैं ताकि तालिबानी हुकूमत के साए से दूर जा सकें।
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इस बीच ब्लास्ट के 16 घंटे बाद यानी आज दोपहर 12 बजे से उड़ानें फिर शुरू कर दी गई हैं। यहां गुरुवार शाम को फियादीन हमले हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो 155 अफगानी मारे गए हैं उनमें 28 तालिबानी थे जो कि काबुल (Kabul) एयरपोर्ट के बाहर तैनात थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने ली है।
काबुल (Kabul) में हुए ब्लास्ट के बाद तालिबान ने महिला स्वास्थ्यकर्मियों को काम पर लौटने को कहा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी के बीच तालिबान ने महिलाओं को ये आदेश दिया है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस्लामी अमीरात के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी महिला कर्मचारियों को केंद्र और प्रांतों में नियमित रूप से अपने काम पर लौटने को कहा है। इस्लामिक अमीरात की उनके काम में कोई बाधा नहीं डालेगी।
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काबुल (Kabul) एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट में ब्रिटेन के दो नागरिकों की भी मौत हुई है। ब्रिटेन सरकार ने इसकी पुष्टि की है। ब्रिटिश सरकार ने अफगानिस्तान में काम कर चुके 8000 अफगानियों को एयरलिफ्ट किया है। ब्रिटिश सरकार इन्हें शरणार्थी का दर्जा देकर 5 साल का वीजा देगी। इसके बाद ये अफगानी स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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