आमेर महल (Amer) में मौतों से पसरा सन्नाटा, सिर्फ लाशों का गम वॉच टावर पर अब भी मौजूद है खून के निशान
जयपुर शहर के आमेर (Amer) में रविवार देर शाम को हुई मूसलाधार बारिश में बिजली गिरने से 11 पर्यटकों की जिंदगी सिर्फ एक झटके में ख़त्म हो गई, लेकिन गम अब भी बरकरार है। आमेर (Amer) कस्बे में रहने वाले लोग दिल दहला देने वाली इस घटना से अभी उबर नहीं पा रहे हैं। वहीं इस हादसे की खबरें आने के बाद पर्यटकों की शुरू हुई आवाजाही फिर से कम हो गई है।
आप को बता दें की यहां हुए हादसे के तीसरे दिन आमेर (Amer) कस्बे के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था। मावठे के सामने खड़ी पर्यटकों को घुमाने वाली जीप गाड़ियां पर्यटकों का इंतजार में करती रहीं। लेकिन कोई पर्यटन नहीं आए सबके मन में बिजली का खौफ है। आमेर में चल रही खाने-पीने की दुकानें भी सुनी नजर आईं। लोगों की निगाह बार-बार सिर्फ 2000 फिट की ऊंचाई पर मौजूद वॉच टावर पर ही टिकी हुई थी। मुख्य गेट पर भी हादसे में घायल और जान गंवा चुके लोगों के जूते बिखरे हुए नजर आए। और वॉच टावर पर अब भी खून के निशान मौजूद है।
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भविष्य में वॉच टावर (watch tower) पर अब और कोई हादसा नहीं हो। इसके लिए यहां आम लोगों के आने-जाने पर अघोषित पाबंदी लगा दी है। वॉच टावर के एंट्री गेट पर होमगार्ड के दो-दो जवान निगरानी के लिए लगाए हैं। जो कि दो शिफ्ट में ड्यूटी दे रहे है। वहां के स्थानीय निवासी रवि शर्मा और मिंटू ने बताया कि आमेर (Amer) में रहने वाले लोग कोरोना काल में सुबह और शाम को टहलने के लिए वॉच टॉवर पर जाने लगे थे लेकिन हादसे में 11 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद कोई भी वहां जाने को तैयार नहीं सबके दिल में सिर्फ बिहाली का खौफ छाया हुआ है। रविवार को हुए इस भयावाह हादसे को वहां के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे।
ऐसे में अब लोग खुद भी जाने से बच रहे हैं। पिछले दो दिनों से आमेर (Amer) के रहने वाले लोगों में घटना की ही चर्चा है। बरसों पुराने किले व महलों से पहचान रखने वाले आमेर (Amer) में इस तरह प्राकृतिक आपदा की पहली घटना है। जबकि एक साथ 11 लोग पहाड़ी पर बने वॉच टावर पर जिंदगी खो बैठे। इसके अलावा कई लोग झुलसने और भगदड़ में गिरने से घायल हो गए।
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रविवार शाम को हुए इस दर्दनाक हादसे ने आमेर में रहने वाले लोगों को आठ साल पहले आमेर (Amer) मावठे पर बिजली गिरने के हादसे की याद दिला दी। यहां मावठे पर बनी छतरी पर आकाशीय बिजली गिरी थी। जिससे आमेर के रहने वाले इकबाल खान और केरल से अपने दोस्तों के साथ घूमने आए पर्यटक रागेश की दर्दनाक मौत हो गई थी।
जानकारी अनुसार इकबाल मावठे पर पार्किंग स्टैंड पर ही कबूतरों को चुग्गा बेचता था। उस दिन तेज बारिश होने पर वह छतरी के नीचे जाकर बैठ गया। और छतरी के पास बनी रेलिंग के पास रागेश और उसके दोस्त खड़े होकर आमेर महल देख रहे थे। तभी तेज कड़कड़ाहट के साथ बिजली गिरी।
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