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Sambhar : ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर पर मनाया ईश्वरीय स्नेहमिलन

Sambhar : ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर पर मनाया ईश्वरीय स्नेहमिलन

Sambhar । स्थानीय ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर पर आज होली के अवसर पर स्नेहमिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ईश्वरीय स्नेह ओर आध्यात्म से भरपूर इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामसुंदर पारीक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश्वरीय महावाक्यों से किया गया उसके उपरांत परमात्मा को भोग लगाकर मेडिटेशन कराया गया, कार्यक्रम मे सेंटर के भाईयों के द्वारा ईश्वरीय ज्ञान के गीत प्रस्तुत किये गये।

इस अवसर पर स्थानीय सेंटर की उर्मिला बहन ने होली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि होली का त्यौहार पवित्रता का परिचायक है। अंग्रेजी के होली शब्द का अर्थ भी पवित्रता ही है जिस प्रकार हिरण्यकश्यप नही चाहता था उसका बेटा प्रह्मलाद ईश्वरीय राह पर चले वह उसे आसुरी प्रवृत्तियों मे रखना चाहता था उसी प्रकार जब मनुष्य ईश्वरीय राह पर चलना शुरू करता है तो उसकी अपनी आसुरी प्रवृतियाँ काम,क्रोध,ईष्या,अंहकार जिनके साथ वह चल रहा था वह हिरण्यकश्यप रुपी असुर बनकर उसको ईश्वरीय राह पर चलने से रोकने का हर संभव प्रयास करती है उसे गिराने का विकारों मे जलाने का प्रयास करती है किन्तु प्रह्मलाद का अर्थ है आंनद,खुशी ओर जब प्रह्मलाद रुपी मनुष्य पवित्रता रुपी चाद्दर या वस्त्र ओढ़ लेता है तो काम क्रोध,लोभ,अहंकार जैसे आसुरी विकारों की अग्नि से सुरक्षित बच जाता है ओर ईश्वरीय आंनद, ईश्वरीय रंगों मे रंग जाता है।

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मात्र लकड़ियों के ढ़ेर को जलाना ही होली दहन नही है अपनी बुराइयों,विकारो,नकारात्मक सोच का दहन ही सच्चा होली दहन है। होली का अध्यात्मिक अर्थ ही है कि हो+ली अर्थात अपनी सभी नकारात्मकता को जलाकर हे ईश्वर, मैं आत्मा अब तेरी होली,होली अर्थात ईश्वर का होकर उसके प्रेम के सतरंगी रंगों में स्वयं को भिगो देना। आज व्यक्ति विकारों की अग्नि मे जल रहा है लेकिन ईश्वरीय ज्ञान ओर प्रभु के सानिध्य से वो भी प्रह्मलाद बनकर उस ईश्वरीय आंनद ओर सुख,शांति को प्राप्त कर सकता है,ईश्वरीय रंगो मे रंग सकता है।

उन्होंने आह्वान किया कि इस होली हम सब मिलकर इस रंगों के त्यौहार में पवित्रता, सदभाव ओर प्रेम का रंग शामिल करे,अपनी नकारात्मकताओर विकारो का दहन कर इस पावन पर्व की महानता बढ़ायें। मुख्य अतिथि श्यामसुंदर पारीक ने अपने उद्बोधन मे कहा कि ईश्वर को आंखो से नही देख सकते,जिस प्रकार मिठाई के स्वाद को व फुलो की खुशबू को महसूस कर सकते उसी प्रकार ईश्वर के साथ को महसूस किया जा सकता है ओर हमे उसकी बताई राह पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

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कार्यक्रम में फुलो की होली खेली गई ओर समापन पर मुख्य अतिथि को सेंटर संचालिका उर्मिला बहन द्वारा ईश्वरीय सौगात व प्रभु प्रसाद दिया गया। इस अवसर पर सैकड़ो भाई बहिने कार्यक्रम मे उपस्थित थे।

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