पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की तरह ही कांग्रेस आलाकमान ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला आईवीआर कॉल के जरिए करने के लिए लोगों की राय ली। आईवीआर पर तीन विकल्प रखे गए थे। पहले नंबर पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का नाम था, उसके बाद नवजोत सिद्धू का नाम था। तीसरा विकल्प में पूछा गया कि क्या कांग्रेस को बिना सीएम चेहरे के जाना चाहिए। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी निखिल अल्वा ने बीते 19 जनवरी को एक ट्वीट करके लोगों से पंजाब (Punjab) कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए ऑनलाइन वोट करने को कहा था। अब इस सर्वे के नतीजे सामने आ गए हैं।
इस सर्वे के बाद अब कांग्रेस ने जनता की राय जानने के बाद ये साफ किया है कि लोग पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को सबसे ज्यादा वोट दे रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस के सीएम चेहरे के लिए पहली पसंद चरणजीत सिंह चन्नी हैं और चन्नी मौजूदा सीएम भी हैं। चन्नी को सीएम चेहरे के लिए 60 फीसदी वोट मिले हैं।
सर्वे में दूसरे नंबर पर महज 12 प्रतिशत वोट के साथ नवजोत सिंह सिद्धू हैं। वहीं तीसरे नंबर पर 10 फीसदी लोगों का कहना है कि पंजाब में कांग्रेस को बिना सीएम चेहरे के उतरना चाहिए। हालांकि हिंदू चेहरा होने की वजह से टिकिट नहीं मिलने का आरोप लगाने वाले सुनील जाखड़ 9 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।
इधर पंजाब कांग्रेस, सीएम के चेहरे की मांग के विपरीत चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की संयुक्त लीडरशिप में चुनाव लड़ना चाहती है। जातीय गणित को साधने के लिए कांग्रेस सीएम चेहरे की चर्चा तो कर रही थी लेकिन घोषणा किसी के नाम की नहीं कर रही। मगर आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा के बाद कांग्रेस पर पड़े दबाव के चलते सर्वे कराया गया। जिसकी रिपोर्ट राहुल गांधी के करीबी निखिल द्वारा आलाकमान को दे दी गई है और जनता के सामने भी इसे उजागर कर दिया गया है।